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झोपड़ी में लगी भीषण आग, 7 लोगों की जिंदा जलकर मौत,एक ही परिवार के थे सभी

लुधियाना। पंजाब के औद्योगिक शहर में एक झुग्गी-झोपड़ी में आज बुधवार सुबह आग लगने से 5 बच्चों सहित एक ही परिवार के 7 सदस्यों की झुलसने से मौत हो गई. फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर पहुंची, जिसने कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया, लेकिन आग इतनी विकराल थी कि परिवार का कोई सदस्य बाहर नहीं निकल पाया. वहीं परिवार का एक सदस्य, जो घटना के समय झोपड़ी में नहीं था, बच गया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण नगर निगम के एक बड़े कूड़े के ढेर में लगी आग हो सकती है, जो पिछले कुछ दिनों से आग की चपेट में आया हुआ है.

बिहार का रहने वाला था परिवार, पंजाब में आया था मजदूरी करने

सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्व) लुधियाना सुरिंदर सिंह ने कहा कि वे बिहार के प्रवासी मजदूर थे और घटना के समय सो रहे थे. मृतकों की पहचान सुरेश साहनी (55 साल) उसकी पत्नी अरुणा देवी (52 साल), बेटी राखी कुमारी (15 साल), मनीषा कुमारी (10 साल), गीता कुमारी (8 साल), चंदा कुमारी (5 साल) व बेटा 2 वर्षीय सन्नी के रूप में हुई है. परिवार हादसे के समय यहां टिब्बा रोड पर नगरपालिका के कचरा डंप यार्ड के पास स्थित अपनी झोपड़ी में सो रहा था. मरने वालों में पति-पत्नी और उनके पांच बच्चे शामिल हैं. लुधियाना के सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्व) सुरिंदर सिंह ने बताया कि मजदूर पति-पत्नी की चार बेटियां और दो बेटे थे. मंगलवार की रात बड़ा बेटा कहीं और सोने चला गया था. झोपड़ी में दंपती और उनके 5 बच्चे ही सो रहे थे, उनमें से कोई जिंदा नहीं बचा. बड़े बेटे का नाम राजेश है, जो बच गया है.

परिवार ने नहीं की बचने की कोशिश, उलझन में पुलिस

उप अग्निशमन अधिकारी आतिश राय ने कहा कि आग लगने की सूचना पर सुंदर नगर स्टेशन की दमकल की गाड़ी ने काबू पा लिया, लेकिन तब तक परिवार के सभी सदस्य जल कर मर चुके थे. अधिकारी ने कहा कि आग कैसे लगी और परिवार के सदस्यों ने सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए बाहर निकलने की कोशिश क्यों नहीं की, इसका कोई पता नहीं है, क्योंकि आमतौर पर झोंपड़ी सभी तरफ से खुली रहती है. पुलिस ये सारे जवाब हादसे से बच गए बड़े बेटे राजेश से जानने की कोशिश करेगी. फिलहाल उससे पूछताछ किया जाना बाकी है.

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