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उत्कृष्ठ विधायक नारायण चंदेल के जन्मदिन पर उमड़ा जन सैलाब, लगा रहा बधाई देने वालों का तांता

जांजगीर-चांपा/जिले के कद्दावर भाजपा नेता, जांजगीर-चांपा विधायक और प्रदेश महामंत्री भाजपा नारायण चंदेल का आज 19 अप्रैल को जन्मदिन है। इस अवसर पर जांजगीर से लेकर राजधानी तक उनको बाधाई देने वालों का तांता लगा रहा। सभी राजैकि दलों के पदाधिकारियों, सामाजिक संगठनों, आम नागरिक और भाजपा के नेता और कार्यकर्ता विधायक नारायण चंदेल को बधाई देने उनके कार्यालय पहुॅचे। सैकड़ो की तादात में मौजूद समर्थकों ने उन्हे केक कटवाया और अपनी शुभकामनाएं दी। विधायक नारायण चंदेल ने इस अवसर पर अपने हितचिंतकों का हृदय से आभार ज्ञापित किया।

पेश है उत्कृष्ठ विधायक नारायण चंदेल के जीवन से जुड़ी कुछ झलकियां

जीवन तथा राजनीति में उथल-पुथल और परिवर्तन का दौर बहुत सामान्य सी बात है । इन परिवर्तनों के बीच अपने आप को पूर्ववत सन्तुलित रखना और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित भाव से आगे बढ़ना किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का बहुत बड़ा उज्ज्वल पक्ष है जिससे उसके भविष्य की दिशा तय होती है तथा उसके विचारों की दृढ़ता का भी पता चलता है ।

2020 में छतीसगढ़ विधानसभा की आसन्दी की ओर से उत्कृष्ट विधायक के तौर पर पुरस्कृत और सम्मानित विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष जांजगीर चाम्पा के वर्तमान विधायक श्री नारायण चन्देल का व्यक्तित्व और कार्य दक्षता उपरोक्त बातों से पूरी तरह मेल खाता है । जीत – हार से परे जनसेवा को ही जीवन का मूल मंत्र मानकर चलने वाले जनप्रतिनिधि श्री नारायण चन्देल ने अपने क्षेत्र के विकास के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी की प्रखर राष्ट्रवादी विचारधारा की सकारात्मक राजनीति में भी अपना एक अलग स्थान अपनी जन प्रतिबध्द सोच से बनाया है । एक कुशल वक्ता , पढ़ने और यात्रा करने की रुचि रखने वाले और किसी भी विषय की गहरी समझ के साथ उस पर सही निर्णय लेने की सक्षमता ने इनकी राजनीति को नई ऊंचाइयां दी हैं । भारतीय जनता पार्टी जैसे राष्ट्रवादी दल के एक छोटे से कार्यकर्ता के रूप में निरंतर लगन के साथ काम करते हुए उन्होंने आज जो मुकाम हासिल किया है उसके पीछे उनकी सूझबूझ तथा संघर्ष का बहुत बड़ा हाथ होने के साथ साथ पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है ।

19 अप्रैल 1965 को स्वर्गीय जंगीराम चन्देल के घर जन्मे श्री नारायण चन्देल का जीवन संघर्षों भरा रहा है । इनके पिता स्वर्गीय जंगीराम चन्देल और बड़े भाई स्वर्गीय गौरीशंकर चन्देल की जीवटता और राष्ट्रीय भावना का प्रभाव इन पर बचपन से ही पड़ा था । पिता जंगीराम चन्देल 1975 – 77 में आपातकाल के दौरान 19 माह मीसा के अंतर्गत अविभजित मध्य्प्रदेश के बिलासपुर जेल में रहे वहीं बड़े भाई गौरीशंकर चन्देल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तृतीय वर्ष प्रशिक्षित कर्मठ कार्यकर्ता थे । संघ की शिक्षा – दीक्षा का प्रभाव इनके पूरे परिवार पर रहा जिससे बाल्यकाल से ही इनका भी जुड़ाव हो गया था । अपनी संगठन दक्षता के चलते सक्रिय राजनीति में नारायण चन्देल ने 19 80 में अखिल भरतीय विद्यार्थी परिषद के विभिन्न पदों पर चार वर्षों तक रहते हुए एक अलग छाप अपनी कार्यशैली से छोड़ी जिसके बाद 1984 – 86 तक जांजगीर नगर मण्डल का उन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया गया । इस बीच वे अविभजित बिलासपुर जिला के भारतीय जनता पार्टी के संगठन में जिला कार्य समिति के सदस्य भी रहे । 1986 -88 जांजगीर नैला नगर भाजपा उपाध्यक्ष , 1988-90 बिलासपुर जिला भाजयुमो जिलाध्यक्ष , 1991-93 बिलासपुर भाजपा जिला मंत्री एवं मध्यप्रदेश भाजयुमो के प्रदेश कार्य समिति सदस्य , 1994-96 मध्यप्रदेश भाजयुमो के प्रदेश मंत्री ,1997-99 मध्यप्रदेश भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर निष्ठापूर्वक कार्य करते रहने के फलस्वरूप वर्ष 1998 में मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी ने श्री नारायण चन्देल को चाम्पा विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने पहली बार में ही अपनी जीत दर्ज कर पार्टी का भरोसा जीत लिया । इस कालखण्ड में 1998 से 2001 तक जांजगीर – चाम्पा जिलाध्यक्ष का भी कार्यभार उनके हाथों में रहा साथ ही साथ वे मध्यप्रदेश विधानसभा में लोक लेखा समिति , विशेषधिकार समिति , अनुसूचित जाति , जनजाति व पिछड़ा वर्ग समिति के सदस्य का भी गुरुतर दायित्व वहन करते रहे । पार्टी के प्रति इनकी निष्ठा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2002- 2004 तक छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद छत्तीसगढ़ भाजपा के अनुशासन समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हें पार्टी ने दी जिसका कुशलतापूर्वक निर्वहन श्री नारायण चन्देल ने किया । 2004-2008 के बीच छतीसगढ़ भाजपा के प्रदेश महामंत्री के पद पर कार्य करते हुए राज्य सरकार ने इन्हें राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया और इस संवैधानिक पद पर रहते हुए अनेक विशिष्ट निर्णय लेते हुए श्री नारायण चन्देल ने पिछड़ा वर्ग के हित संरक्षण और संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य सम्पादित किया । 2008 के चुनाव में जब वे दूसरी बार छत्तीसगढ़ विधानसभा में जीतकर पहुँचे तो सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की ओर से नामित छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित होकर इन्होंने अपनी संसदीय परम्परा के ज्ञान तथा अनुभवों का लाभ छतीसगढ़ विधानसभा की आसन्दी के कुशल संचालन की एक अलग शैली से दिया । इसी कार्यकाल में इन्होंने विधानसभा के पत्रकार दीर्घा के अध्यक्ष रहते हुए 2012 में पत्रकारों के साथ नेपाल यात्रा का भी नेतृत्व किया ।
11/12/2018 को विधानसभा जांजगीर- चाम्पा से पुनः अपना विधायक चुनकर यहाँ की जनता ने उन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा भेजा है जहां क्षेत्र की जनता के हित में अपनी आवाज बुलंद करने और जनसेवा के कार्यों के प्रति उनकी लगनशीलता को रेखांकित करते हुए आसन्दी की ओर से 2020 में विधायक नारायन चन्देल को उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित किया गया जिससे उनके कार्यकर्ताओं में हर्ष व्याप्त है ।

 

यह जांजगीर- चाम्पा विधानसभा के लिए अत्यंत गौरव की बात है कि एक सक्षम नेतृत्व इस क्षेत्र की जनता को मिला हुआ है जो संघर्षशील , अनुभवी , मितभाषी और सभी वर्ग के प्रति संवेदनशील है । आज उनके जन्मदिन पर उन्हें बहुत बहुत बधाई और दीर्घायुष्य की कामना सभी क्षेत्रवासी और हम उनके चाहने वाले करते हैं । उनका नेतृत्व और अधिक सबल हो ऐसी शुभकामना इन पंक्तियों में करते हैं –

तू चल हम सबके सारे सपने हैं तेरे
तू चल हम सबकी तुझ पर उम्र निछावर है
तू चल हम सब तुझको अपना तप देते हैं
तू चल की आ रहा फिर कलयुग में द्वापर है

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