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आखिरी बार गले लगा नही सकी माँ, MP के युवक की कोलकाता में मौत,माँ ने वीडियो कॉल में देखा अंतिम संस्कार

एक मां आखिरी बार अपने बेटे को सीने से लगा के जी भर के रो भी नहीं पाई। पिता उसके माथे पर आखिरी बार हाथ भी न फेर सके। न ही भाई अंतिम यात्रा में उसे कंधा देकर ठीक से विदा कर पाए। ये झकझोरने वाला मामला मध्य प्रदेश के देवास जिले के कन्नौद का है। यहां रहने वाला एक युवक काम के सिलसिले में कोलकाता गया था, लेकिन न वो जिंदा वापस लौटा और नहीं कोलकाता से उसकी लाश गृहग्राम आ सकी। मजबूरी में परिजनों ने कोलकाता में ही अंतिम संस्कार कराया। घर वाले वीडियो कॉल के जरिए अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

दूरी ज्यादा होने की वजह से नहीं आ सका शव
जानकारी के अनुसार देवास जिले की कन्नौद तहसील के थूरिया गांव का रहने वाला रतन (34) कंडक्टरी का काम करता था। वह काम के सिलसिले में गांव के ही जाकिर पठान के साथ इंदौर से चेचिस छोड़ने कोलकाता गया था। इंदौर से कोलकाता जाते समय रास्ते में उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई, जिसके बाद जाकिर ने इसकी सूचना रतन के परिजनों को दी। परिजनों को जानकारी देने के बाद जाकिर रतन को लेकर अस्पताल पहुंचा, जहां इलाज के दौरान रतन ने दम तोड़ दिया। मृतक रतन के गांव से कोलकाता की दूरी करीब 15 सौ किमी है ज्यादा दूरी होने के चलते उसका शव उसके गांव नहीं लाया जा सका

गांव जाने के इंतजार में एयरपोर्ट में 3 दिन रखा रहा शव
युवक रतन की सोमवार को मौत हुई थी, जिसके बाद एंबुलेंस ड्राइवर बिट्टू गुप्ता शव को एयरपोर्ट छोड़ने गया। यहां उसने कागजी कार्रवाई पूरी की। लेकिन सोमवार को उसे फ्लाइट के समय से पहले NOC नहीं मिल पाई, जिसके चलते बिट्टु शव को पैक करा के वापस आ गया। जब मंगलवार सुबह एयरपोर्ट पहुंचा, तब तक फ्लाइट का समय हो गया। बिट्टू ने शव को मोर्चुरी में रखवाया और मंगलवार की रात शव लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास पहुंचा, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी ने शव से केमिकल की स्मेल आने की बात कहकर शव ले जाने से इंकार कर दिया, जिसके बाद एंबुलेंस ड्राइवर बिट्टू ने शव को वापस लाकर उसकी डबल पॉलीथिन से पैकिंग करवाई, बुधवार सुबह वह एयरपोर्ट पहुंचा तो एयरपोर्ट अथॉरिटी ने फिर वही कारण बताया और शव को ले जाने से मना कर दिया।

जब सारी कोशिशों के बाद भी रतन का शव कोलकाता से देवास नहीं लाया जा सका, तो मजबूरी में उसके परिजनों ने एंबुलेंस ड्राइवर बिट्टू को ही शव का कोलकाता में अंतिम संस्कार करने कहा, जिसके बाद बुधवार दोपहर बिट्टू गुप्ता ने अपने कुछ साथियों के साथ रतन का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान बिट्टू के साथ रतन का साथी जाकिर पठान मौजूद रहा। रतन के अंतिम संस्कार के बाद अब जाकिर कोलकाता से उसकी अस्थियां लेकर थूरिया आ रहा है, अस्थियों को गांव तक पहुंचने में करीब 48 घंटे लगेंगे।

तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था रतन
मृतक रतन के तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसका बड़ा भाई विक्रम पिता रेवाराम के साथ खेती का काम देखता है। छोटा भाई चरण सिंह जुड़ाई का काम करता है। परिवार के पास महज 3 एकड़ जमीन है। रतन शादीशुदा था लेकिन उसकी पत्नी साथ नहीं रहती थी।

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