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रिश्वतखोर पटवारी की जमानत याचिका खारिज, भयादोहन के आरोप में किया गया था गिरफ्तार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने खारिज की जमानत याचिका 

 

जांजगीर चांपा/ भयादोहन के मामले में जिले पामगढ़ ब्लाक के हल्का नंबर 23 के पटवारी देवेंद्र साहू की जमानत याचिका जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने निरस्त कर दी है। आरोपी पटवारी को 31 मई को गिरफ्तार कर न्यायायिक अभिरक्षा में भेजा गया था। इससे पहले उसे एसडीएम पामगढ़ ने निलंबित कर दिया था।

 

गौरतलब है कि पामगढ़ ब्लाक हल्का नंबर 23 पटवारी देवेंद्र साहू ने कोड़ाभाठ के किसान राजकुमार कुर्रे से जमीन का नक्शा दुरुस्त करने के नाम पर 4000 रुपए की रिश्वत ली थी जिसका वीडियो किसान ने अपने सहयोगी से बनवा लिया था जब पैसे लेने के बावजूद डेढ़ महीने तक पटवारी ने किसान का नक्शा अपडेट नही किया तब किसान ने पटवारी का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया जिसके बाद पटवारी को वायरल वीडियो के आधार पर एसडीएम पामगढ़ ने निलंबित कर दिया वही किसान के आवेदन के आधार पर पामगढ़ के नया तहसीलदार ने पटवारी देवेंद्र साहू के खिलाफ धारा 384 के तहत जुर्म दर्ज कराया था जिसके बाद 1 जून को दोषी पटवारी को जेल भेज दिया गया था। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार सोनी ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि आरोपी देवेन्द्र कुमार साहू के द्वारा अपने शासकीय कार्य किये जाने के संबंध में प्रार्थी से नगद रकम की मांग कर चार हजार रूपये प्राप्त किया। पेनड्राईव के फुटेज को कम्प्यूटर में चलाकर देखने से भी आवेदक / आरोपी के द्वारा प्रत्यक्षतौर पर नगद रकम प्राप्त कर अपनी टेबल के दराज में रखना दिख रहा है। एक शासकीय सेवक के द्वारा अपने शासकीय कार्य के बदले में इस तरह नगद रकम की मांग कर उसे प्राप्त करना एक गम्भीर प्रकृति का अपराध है। अस्तु अपराध की गम्भीरता के आधार पर मैं उक्त आवेदक / आरोपी को जमानत का लाभ देना उचित नहीं समझता हूँ। अतः प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त किया जाता है।

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