जांजगीर-चांपा जिले में देवर और देवरानी के द्वारा बहु को जलाकर मारने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदंबा राय ने फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास और अर्थ दण्ड से दंण्डित किया है।
इस मामले में लोक अभियोजक राजेश पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीमती सुदामा बाई पति भागीरथी यादव उम्र 35 वर्ष साकिन देवारपारा बलौदा दिनांक 29/04/2019 को दोपहर करीब 3.00 बजे अपने घर में जल गयी थी, उसे ईलाज हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बलौदा ले जाया गया, जहां से उसे सिम्स बिलासपुर में रिफर किया गया। उसका ईलाज सिम्स के बर्न यूनिट में किया गया। बिलासपुर में मृत्यु पूर्व कार्यपालक दण्डाधिकारी बयान लिया गया। उक्त कथन में सुदामा बाई बतायी कि दिनांक 29/04/2019 को करीब 3.00 बजे उसके देवर सुनील यादव एवं देवरानी कौशिल्या यादव दोनों से मारपीट कर गेलन में रखे मिट्टी तेल को उसके उपर डालकर उसे रस्सी से बांधकर माचिस से आग लगाकर उसे जला दिये हैं, उसके चिल्लाने पर उसका बड़ा बेटा कुश यादव आकर कपड़ा से ढककर आग को बुझाया और उसे परिजनों के सहायता से लेकर बलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुॅचा जहॉ से उसे बिलासपुर रेफर किया गया। अगजनी में बुरी तरह से झुलसी पीड़िता सुदामा बाई की उपचार के दौरान मौत हो गई जिसके बाद अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया जिस पर सुनवाई के बाद आज जिला अपर सत्र न्यायाधीश जगदंबा राय ने दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी पति पत्नी को भा.दं.सं. की धारा-302 सहपठित धारा 34 आरोप के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं 200-200 (दो-दो सौ रूपये) के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर आरोपियों को 10-10 दिन का सश्रम कारावास अतिरिक्त रूप से दिये जाने का आदेश भी दिया गया है।